मुंबई। चित्रनगरी संवाद मंच, मुंबई द्वारा रविवार 19 अक्टूबर 2025 को गोरेगांव स्थित केशव गोरे स्मारक ट्रस्ट के मृणालताई हॉल में साहित्यिक समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर रायपुर से पधारे वरिष्ठ कवि एवं पूर्व IAS अधिकारी डॉ. संजय अलंग ने अपनी कविताओं के माध्यम से कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कीं।
डॉ. अलंग ने अपने तीनों काव्य संकलनों से समसामयिक विषयों पर आधारित कविताओं का भावपूर्ण पाठ किया, जिसे श्रोताओं ने अत्यंत सराहा। उनका रचनात्मक परिचय कथाकार एवं पत्रकार हरीश पाठक ने प्रस्तुत किया। उन्होंने डॉ. अलंग के सामाजिक सरोकारों, चिंतनशील दृष्टिकोण और साहित्यिक सक्रियता का विस्तार से उल्लेख किया।
कार्यक्रम के दौरान कवि संजय अलंग की चर्चित कविता ‘बँटे रंग’, जो महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में भी सम्मिलित है, विशेष रूप से सराही गई। इसके साथ ही उनकी कविताएँ ‘गुलेल’ और ‘एक टुकड़ा आसमान का’ ने भी दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी।
अपने उद्बोधन में डॉ. अलंग ने कहा कि “कलाएँ समाज में सकारात्मक सुधार और बेहतरी की प्रेरणा देती हैं तथा मानवता को जोड़ने का कार्य करती हैं।”
कार्यक्रम के दूसरे चरण में कवयित्री सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता डॉ. नरेंद्र ने की और संचालन मधुबाला शुक्ल ने किया
‘धरोहर’ शीर्षक से अभिनेत्री शाइस्ता ख़ान ने गीत प्रस्तुत किया, जबकि गायिका नाज़नीन भार्दे ने साहिर लुधियानवी की मशहूर ग़ज़ल सुनाकर समां बाँध दिया। कार्यक्रम की प्रस्तावना कवि देवमणि पांडेय ने दी।
समारोह के अंत में डॉ. नरेंद्र कुमार और कवि सुभाष काबरा ने सभी उपस्थित श्रोताओं एवं रचनाकारों को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम में शायर-सिने गीतकार मंजीत सिंह कोहली, लेखक प्रो. राम बक्ष, कथाकार-पत्रकार विवेक अग्रवाल, कवि नवीन सी. चतुर्वेदी, कवयित्री-अभिनेत्री पुष्पा वर्मा, कवि प्रशांत जैन, शायर क़मर हाजीपुरी और गीतकार राजू मिश्र कविरा सहित अनेक साहित्यकार, कलाकार और साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।



