कलेक्टर दर पर मानदेय की मांग को लेकर महिला रसोइयों का उग्र प्रदर्शन जारी, "मोदी गारंटी" को लागू करने की मांग, प्रेमाबाग धरना स्थल पर डटीं सैकड़ों रसोइया महिलाएं

Chandrakant Pargir

 


बैकुंठपुर | संवाददाता। छत्तीसगढ़ रसोइया संघ के बैनर तले जिले की सैकड़ों महिला रसोइयों ने सोमवार को कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के प्रेमाबाग स्थित धरना स्थल पर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। वर्षों से स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत सेवा दे रही इन महिलाओं ने सरकार से कलेक्टर दर पर मानदेय दिए जाने की मांग की है। रसोइयों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार ने "मोदी गारंटी" के तहत उन्हें आर्थिक सुरक्षा देने का वादा किया था, लेकिन अब तक उस वादे पर कोई अमल नहीं हुआ।



धरने पर बैठीं रसोइयों ने कहा कि वे लंबे समय से न्यूनतम वेतन से भी कम मानदेय में काम कर रही हैं, जिससे उनके परिवार की आजीविका चलाना बेहद कठिन हो गया है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आरोप लगाया कि सरकार उनके श्रम और सेवा का शोषण कर रही है, जबकि दूसरी ओर शिक्षा व्यवस्था के लिए उनके योगदान को नजरअंदाज किया जा रहा है। रसोइयों ने यह भी कहा कि वे तब तक धरना समाप्त नहीं करेंगी, जब तक शासन उन्हें सम्मानजनक वेतन देने का ठोस निर्णय नहीं लेता।


रसोइया संघ की पदाधिकारियों ने बताया कि यदि जल्द ही शासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया, तो आंदोलन को जिला स्तर से बढ़ाकर राज्यव्यापी किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना भी प्रभावित हो सकती है। धरना स्थल पर मौजूद रसोइयों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से तत्काल "मोदी गारंटी" लागू करने और कलेक्टर दर पर मानदेय घोषित करने की मांग दोहराई।


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