बैकुण्ठपुर, 24 जून। जिला एवं सत्र न्यायालय बैकुण्ठपुर के सभागार में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा), नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला न्यायिक जागरूकता, संवाद, नशा मुक्ति और बाल विवाह रोकथाम जैसे संवेदनशील विषयों पर केंद्रित थी।
कार्यशाला का आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मो. रिजवान खान के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में किया गया, जिसमें “जागृति योजना”, “संवाद योजना”, “डान योजना” और “आशा योजना” पर विस्तार से चर्चा की गई। इन योजनाओं का उद्देश्य कमजोर, आदिवासी, विमुक्त/घुमंतू जनजातियों को न्याय तक पहुंच प्रदान करना, नशा मुक्त भारत की दिशा में प्रयास करना और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को रोकना है।
इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के समन्वय से प्रत्येक व्यक्ति तक न्यायिक सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने की रणनीति बनाई गई। गठित यूनिट में जिला दंडाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ, नगर पालिका सीईओ, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण, स्वास्थ्य विभाग, बाल संरक्षण इकाई, औषधि नियंत्रण अधिकारी, मनोचिकित्सक, पैनल अधिवक्ता एवं सरपंचों की भूमिका तय की गई।
कार्यक्रम में कलेक्टर कोरिया चंदन संजय त्रिपाठी, एमसीबी कलेक्टर डी.के. राहूल वेंकट, पुलिस अधीक्षक कोरिया रवि कुमार कुर्रे, पुलिस अधीक्षक एमसीबी चंद्रमोहन सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती साक्षी दीक्षित, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती अमृता दिनेश मिश्रा सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सभी विभागों को एक साझा मंच पर लाकर योजनाओं के प्रचार-प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। पुलिस और प्रशासन की ओर से भी पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया गया।
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