NHM में फर्जी डिग्री से नौकरी का मामला गरमाया, बर्खास्त DPM प्रिंस जायसवाल के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता संजय जायसवाल ने की FIR और वसूली की मांग

Chandrakant Pargir

 


कोरिया  6 जून 2025।नराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत सूरजपुर जिले में कार्यरत रहे जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) डॉ. प्रिंस जायसवाल को लेकर शिकायतकर्ता संजय जायसवाल फिर सामने आए है। रायपुर पहुंच कर संजय जायसवाल ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव, एमडी NHM और स्वास्थ्य संचालक को पत्र सौंप कर  मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।   



सेवा समाप्ति का आदेश 3 जून को हुआ जारी


NHM द्वारा 3 जून 2025 को जारी आदेश में डॉ. प्रिंस जायसवाल को NHM द्वारा निकाली डीपीएम भर्ती में डीपीएम की नियुक्ति के समय प्रस्तुत डिग्री की जांच में अनियमितता पाए जाने के बाद सेवा से बर्खास्त किया गया था। शिकायतकर्ता संजय जायसवाल का कहना है कि यह स्पष्ट रूप से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासन को गुमराह कर नौकरी पाने का मामला है, जिससे न केवल एक योग्य अभ्यर्थी का हक छीने जाने का प्रयास किया गया, बल्कि शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का प्रयास भी किया गया। उन्होंने कहा कि डॉ प्रिंस जो सोशल मीडिया में बता रहे है कि वो फर्जी डिग्री से नौकरी नही कर रहे है उसकी तो अभी जांच ही नही हुई है। अब मैंने जांच की मांग की है।  


सोशल मीडिया पर ‘प्रशासनिक षड्यंत्र’ का दावा


बर्खास्तगी के बाद भी डॉ. प्रिंस जायसवाल ने सोशल मीडिया पर खुद को कार्यरत बताते हुए दावा कर रहे हैं कि उनके खिलाफ प्रशासनिक षड्यंत्र रचकर रंजिशन कार्रवाई की गई है। उन्होंने यह भी कहा है कि वे किसी फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी नहीं कर रहे और उनके पास साक्ष्य मौजूद हैं जो जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे।




वर्तमान में जिस डिग्री से नौकरी कर रहे, उसकी जांच बाकी


शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि डॉ. प्रिंस जिस डिग्री के आधार पर वर्तमान में खुद को कार्यरत बता रहे हैं, उसकी अभी तक जांच नहीं हुई है। इस डिग्री की जांच की मांग के साथ-साथ शिकायतकर्ता ने कोरिया और सूरजपुर जिलों में उनके कार्यकाल के दौरान की गई NHM में  सरकारी खरीदी और कार्यों की भी निष्पक्ष जांच की मांग की है, जिससे संभावित बड़े घोटाले का खुलासा हो सके।


FIR और वसूली की मांग


पत्र में संजय जायसवाल ने डॉ. प्रिंस जायसवाल के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के साथ-साथ अब तक प्राप्त वेतन व अन्य लाभों की वसूली की भी मांग की है। उनका कहना है कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता से भी इनकार नहीं किया जा सकता, इसलिए विस्तृत विभागीय जांच कराई जाए।

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