कोरिया। राज्य सरकार द्वारा 10,463 स्कूलों को बंद करने और 45,000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त करने के निर्णय को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार को कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के रेस्ट हाउस में कांग्रेस की ओर से रखी गई पत्रकार वार्ता में कांग्रेस नेताओं ने इसे शिक्षा और रोजगार विरोधी कदम बताते हुए कहा कि यह निर्णय विशेष रूप से आदिवासी अंचलों जैसे बस्तर, सरगुजा और जशपुर के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
पूर्व विधायक डॉ. विनय जायसवाल, कोरिया जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता, एमसीबी कांग्रेस जिला अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव, वरिष्ठ नेता योगेश शुक्ला, यवत कुमार सिंह, अशोक जायसवाल और मुख्तार अहमद ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों को जबरिया बंद किया जा रहा है। इससे न सिर्फ शिक्षकों की भारी संख्या में पद समाप्त होंगे, बल्कि मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोइयों, स्लीपरों और अन्य सहायक स्टाफ के सामने भी आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है।
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात को 21:1 से बढ़ाकर 30:1 और मिडिल स्कूलों में 26:1 से 35:1 किया जा रहा है, जिससे शिक्षकों के एक तिहाई पद खत्म हो जाएंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पहली से पांचवीं तक 18 विषय होते हैं, तो दो शिक्षकों के बलबूते इन सभी विषयों की पढ़ाई कैसे संभव होगी?
नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह नई भर्तियां न करके युक्तियुक्तकरण के बहाने पदों को ही समाप्त कर रही है, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल पाएंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सरकार ने 58,000 रिक्त पदों को भरने और 20,000 नई भर्तियों का वादा किया था, लेकिन अब 45,000 पद ही समाप्त किए जा रहे हैं।
कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को एकतरफा और जनविरोधी बताते हुए कहा कि इससे पहले न शिक्षक संगठनों, न पालक संघ, न ही किसी शैक्षिक संस्था से चर्चा की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस इस शिक्षा विरोधी फैसले के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाएगी और शीघ्र ही आंदोलन की तिथि और स्वरूप की घोषणा की जाएगी।