बैकुण्ठपुर। देश में आपातकाल लगाए जाने की 50वीं बरसी पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुक्रवार को मानस भवन में काला दिवस के रूप में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पं. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन से हुई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि भरतपुर-सोनहत विधायक रेणुका सिंह ने आपातकाल के ऐतिहासिक और संवैधानिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 25 जून 1975 की रात देश के लोकतंत्र पर एक बड़ा प्रहार हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल लागू कर दिया गया, जो 21 मार्च 1977 तक चला। इस दौरान देश में नागरिक अधिकारों का गला घोंटा गया, प्रेस पर प्रतिबंध लगा और लाखों लोगों को जेलों में ठूंस दिया गया।
भाजपा जिलाध्यक्ष देवेंद्र तिवारी ने कहा कि 25 जून भारतीय लोकतंत्र का काला दिन है, जिसे देश कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा कि यह दिन संविधान के साथ हुए विश्वासघात की याद दिलाता है, जिसे नई पीढ़ी को जानना बेहद जरूरी है।
मीसाबंदी प्रेमनारायण तर्किहार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उस समय एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में कांग्रेस की तानाशाही के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे। लाखों स्वयंसेवकों ने उस समय देशभर में गुपचुप तरीके से संदेश पहुंचाया और कांग्रेस के विरोध में जनमत तैयार किया।
कार्यक्रम का संचालन जिला मीडिया प्रभारी तीरथ राजवाड़े ने किया, जबकि संयोजन की जिम्मेदारी जिला मंत्री शारदा गुप्ता ने निभाई।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल हुए:
देवेंद्र तिवारी, शैलेष शिवहरे, राजेश सिंह, बसंत राय, अशोक जायसवाल, रविशंकर राजवाड़े, पंकज गुप्ता, कपिल जायसवाल, अरुण जायसवाल, गायत्री सिंह, गौरव अग्रवाल, आशा देवी सोनपाकर, शिवकुमारी सोनपाकर, सुनिता कर्रें, ईश्वर राजवाड़े, प्रदीप तिवारी, कृष्णावती यादव, रामकृष्ण शर्मा, राजेन्द्र चक्रधारी, मंजू जीवनानी, गणेश यादव, वर्षा साहू, जगनारायण साहू, राकेश गुप्ता, मैनेजर राजवाड़े, सुरेश सिरदार, मुन्नाराम चक्रधारी, रीता यादव, रमेश तिवारी, हितेश सिंह सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता।
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