छत्तीसगढ़ी युवाओं के संघर्षों की झलक ‘सरकारी अफसर’ वेब सीरीज में, एनआईटी रायपुर के छात्रों ने सीजीपीएससी तैयारी पर रचा नया सिनेमाई अध्याय, 13 जून को होगा यूट्यूब पर रिलीज

Chandrakant Pargir

बैकुंठपुर। छत्तीसगढ़ी सिनेमा में एक नया और सार्थक प्रयोग सामने आया है। एनआईटी रायपुर के छात्रों की टीम ने प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे युवाओं के संघर्षों को लेकर एक वेब सीरीज ‘सरकारी अफसर’ तैयार की है। यह सीरीज प्रदेश के उन हजारों युवाओं की भावनाओं की प्रतिनिधि बनकर उभर रही है, जो सीजीपीएससी जैसी परीक्षाओं की तैयारी में जीवन का महत्वपूर्ण दौर गुजारते हैं।


इस वेब सीरीज की कहानी बिलासपुर के गांधी चौक की गलियों से शुरू होती है, जहां अखिलेश नामक एक किसान पुत्र अपने पिता के सपनों को पूरा करने गांव से शहर आता है। वहां उसका सामना होता है कोचिंग की कठिन दिनचर्या, दोस्ती, प्रेम, सामाजिक और पारिवारिक दबावों से। सुमन नाम की एक अनाथ लड़की के साथ उसका रिश्ता सिर्फ प्रेम का नहीं, बल्कि दो टूटे सपनों की साझा उड़ान का प्रतीक बन जाता है।



इस प्रेरणादायी कथा को निर्देशित किया है साईं भरथ ने, जबकि कहानी का निर्माण किया है एनआईटी के छात्र दिव्यांश सिंह व उनकी टीम ने। कलाकारों में अनिल सिन्हा (फूफू), वैष्णवी जैन, अमन सागर, हर्षवर्धन पटनायक, क्रांति दीक्षित, सुरेश गोंडले और विक्रम राज जैसे युवा चेहरे शामिल हैं।


पहला एपिसोड "मंज़िल नहीं, शुरुआत हे" नाम से 13 जून को यूट्यूब चैनल पर रिलीज होगा। हर एपिसोड 20-25 मिनट का होगा और यह श्रृंखला साप्ताहिक रूप से जारी की जाएगी।



कोरिया जिले के पटना गांव के निवासी और एनआईटी रायपुर के छात्र निर्देश शर्मा ने बताया कि “यह वेब सीरीज सिर्फ पढ़ाई की कहानी नहीं है, यह एक पूरे सामाजिक ढांचे की कहानी है। किराया, कोचिंग की फीस, पारिवारिक अपेक्षाएं, रिश्तों की उलझन और आत्म-संदेह जैसे तमाम पहलुओं को इसमें छत्तीसगढ़ी लोकभाषा और स्थानीय परिवेश के माध्यम से संवेदनशीलता से पिरोया गया है।”


‘सरकारी अफसर’ सिर्फ एक वेब सीरीज नहीं, बल्कि संघर्षरत युवाओं की एक सच्ची आवाज़ है, जो यह बताती है — "सपने टूटते नहीं, तपकर और मजबूत होते हैं।”



 

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