रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित सेक्स सीडी कांड में एक नया मोड़ आ गया है। CBI ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर की है, जिस पर 4 अप्रैल को सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि 4 मार्च 2025 को रायपुर की विशेष अदालत ने इस मामले में भूपेश बघेल को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद माना जा रहा था कि यह मामला समाप्त हो गया, लेकिन CBI ने इस फैसले को चुनौती देते हुए फिर से कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ में सेक्स सीडी कांड 2017 में सामने आया था। इस मामले में आरोप लगाया गया था कि एक कथित आपत्तिजनक वीडियो को लेकर राजनीतिक षड्यंत्र रचा गया। भूपेश बघेल पर इस वीडियो को वायरल करने और राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगा था।
मामले की जांच CBI को सौंपी गई थी, और लंबी सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने 4 मार्च 2025 को भूपेश बघेल को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। लेकिन अब CBI के इस नए कदम से मामला फिर से गरमा गया है।
राजनीतिक हलकों में तेज हुई चर्चा
CBI द्वारा दायर इस रिवीजन पिटीशन के बाद राज्य की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस इस पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक प्रतिशोध करार दे रही है, जबकि भाजपा इसे न्याय की जीत की दिशा में एक अहम कदम बता रही है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार CBI का दुरुपयोग कर रही है और भूपेश बघेल को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, भाजपा का दावा है कि सच सामने लाने के लिए दोबारा जांच और सुनवाई जरूरी है।
आगे क्या होगा?
अब सबकी नजरें 4 अप्रैल 2025 को होने वाली स्पेशल कोर्ट की सुनवाई पर टिकी हैं। इस दिन यह तय होगा कि CBI की रिवीजन पिटीशन को स्वीकार किया जाएगा या नहीं।
अगर अदालत CBI की अपील को मंजूरी देती है, तो इस मामले में फिर से सुनवाई शुरू हो सकती है। अन्यथा, 4 मार्च का फैसला बरकरार रहेगा और भूपेश बघेल को इस मामले से पूरी तरह राहत मिल सकती है।
अब देखना होगा कि अदालत 4 अप्रैल को क्या फैसला सुनाती है और इस मामले का अगला मोड़ क्या होगा।