रायपुर। छत्तीसगढ़ में वनरक्षकों की भर्ती को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। राज्य के पूर्व गृह, जेल एवं सहकारिता मंत्री ननकी राम कंवर ने प्रधान मुख्य वनसंरक्षक श्रीनिवास राव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे एक पत्र में दावा किया है कि 1628 वनरक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
ननकी राम कंवर ने आरोप लगाया है कि श्रीनिवास राव ने अपने पूरे सेवाकाल में पद का दुरुपयोग किया है और केम्पा योजना में भी भारी घोटाला किया है। उनके मुताबिक, वन विभाग की इस भर्ती प्रक्रिया में सरकार के दिशा-निर्देशों की सरेआम अवहेलना की गई। भर्ती में मनमाने तरीके से अपात्र उम्मीदवारों को चयनित किया गया और नियमों को ताक पर रखकर अपने करीबी लोगों को फायदा पहुंचाया गया।
भर्ती प्रक्रिया पर सवाल:
पूर्व मंत्री ने बताया कि 16 नवंबर 2024 से 17 दिसंबर 2024 तक राज्य के विभिन्न वनमंडलों में फिजिकल टेस्ट आयोजित किए गए। इस दौरान 4.25 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। लेकिन कई केंद्रों में भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं सामने आईं।
कई स्थानों पर कृत्रिम प्रकाश में टेस्ट कराए गए, जबकि नियमों के अनुसार यह सूर्यास्त के बाद नहीं हो सकता था।
माप-जोख के लिए मशीनों की अनिवार्यता थी, लेकिन कई केंद्रों पर मशीनें उपलब्ध ही नहीं कराई गईं।
जहां मशीनें थीं, वहां भी वे सही ढंग से काम नहीं कर रही थीं।
कई डीएफओ (वनमंडल अधिकारी) ने इस संबंध में मुख्यालय को लिखित शिकायतें भेजीं।
मशीनों की कमी और खराबी के कारण कई केंद्रों में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
एजेंसी पर भी सवाल:
भर्ती प्रक्रिया के लिए टाइमिंग टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस एजेंसी को 224 रुपये प्रति उम्मीदवार के हिसाब से भुगतान किया जाना था, लेकिन एजेंसी ने मशीनों की कमी और खराब संचालन की वजह से प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
रायगढ़, बीजापुर और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में मशीनें सही ढंग से काम नहीं कर रही थीं। रायगढ़ डीएफओ ने 16 नवंबर 2024 को हुई अव्यवस्थाओं को लेकर मुख्यालय को पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि सुबह 6 बजे शुरू होने वाले टेस्ट में मशीनें 9 बजे तक चालू नहीं हो पाईं। रात 11 बजे तक सिर्फ 250 उम्मीदवारों की ही माप हो सकी।
केम्पा योजना में भी भ्रष्टाचार:
ननकी राम कंवर ने आरोप लगाया है कि श्रीनिवास राव ने केम्पा योजना के तहत सैकड़ों करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया। बाजार दर से अधिक कीमत पर सामग्री की आपूर्ति की गई और कई निर्माण कार्य अधूरे या मानकों के विपरीत पाए गए। दुर्गम क्षेत्रों के कार्यों के लिए आबंटन लिया गया, लेकिन वास्तविकता में कोई काम नहीं किया गया।
जांच और कार्रवाई की मांग:
पूर्व मंत्री कंवर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उच्चस्तरीय एजेंसी द्वारा निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उन्होंने श्रीनिवास राव के सेवाकाल की पूरी जांच, उनके रिश्तेदारों और नजदीकी लोगों की संपत्तियों की जांच की भी अपील की है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य होंगे।