कांग्रेस पार्टी के कारण पांच साल पीछे हुई चिरमिरी-नागपुर हाल्ट रेल लाइन की रफ्तार - श्याम बिहारी रेलवे ने लिखा स्वास्थ्य मंत्री को पत्र, रेल लाइन में देरी के कारण की बताई वजह, विष्णु के सुशासन में रेल लाइन को मिला फंड, आगामी दो वर्षों में पूरा होगा काम

Chandrakant Pargir

 



एमसीबी 5 दिसंबर। डीजीएम बिलासपुर जोन रेलवे ने मनेंद्रगढ़ के स्थानीय विधायक एवं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल को एक पत्र लिखा है। इस पत्र मे रेलवे ने चिरमिरी-नागपुर हाल्ट रेलवे लाइन की मंजूरी के बाद भी काम शुरू न होने की वजह बताई है। 17 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के अंबिकापुर लाइन से जुड़ जाने से चिरमिरी के लोगों को देश में कहीं भी जाने की सहूलियत मिल जाती, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने चिरमिरी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण इस प्रोजेक्ट को फंड देने से ही मना कर दिया। भाजपा शासन काल में हुए एमओयू के अनुसार रेलवे लाइन के निर्माण के लिए 241 करोड़ रूपए खर्च होने थे। इनमे से आधी राशि को राज्य शासन द्वारा वहन किया जाना था। वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी और मनेंद्रगढ़ में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने रेलवे लाइन के निर्माण के लिए अपना हिस्सा देने से इंकार दिया और मनेंद्रगढ़ के कांग्रेसी विधायक ने भी अपनी चुप्पी साध ली थी।



हालांकि 2023 में फिर से भाजपा की सरकार सत्ता में आई और मनेंद्रगढ़ के लोकप्रिय विधायक श्याम बिहारी जायसवाल को मंत्री बनाया गया। श्याम बिहारी जायसवाल की पहल से राज्य शासन ने बजट में 120 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी और रेलवे को इसकी जानकारी से अवगत कराया। राज्य की तरफ से राशि स्वीकृत करने के साथ ही भारतीय रेलवे द्वारा मनेंद्रगढ़ जिला प्रशासन के साथ मिलकर भूमि अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। भारतीय रेलवे ने पत्र लिखकर बताया है कि जनवरी 2025 में इस काम के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा और आगामी दो वर्षों में चिरमिरी-नागपुर हाल्ट रेल लाइन निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।



डीजीएम बिलासपुर जोन रेलवे के द्वारा लिखे पत्र में दी गयी जानकारी से साफ है कि कांग्रेस के विधायक और कांग्रेसी सरकार द्वारा चिरमिरी क्षेत्र को अंधेरे मे ढकेलने का प्रयास कर रहे थे। एक तरफ जहां देश विकसित होने की दिशा में बढ़ रहा है तो वहीं कांग्रेसी शासन काल में देश के नक्शे से जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण रेलवे लाइन के लिए पैसे देने से ही इंकार कर दिया। हालांकि रेलवे के पत्र से ये सच भी सामने आ ही गया है और अब क्षेत्र के लोगों को भी इस बात की जानकारी मिल गयी है कि आखिरकार क्यूं चिरमिरी क्षेत्र विकास की रफ्तार में देश की तुलना मे पांच साल पीछे रह गया है।



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