बिजली के झटके से घायल परिवार का इकलौता चिराग की हुई मौत, परिजन पहुंचे रिपोर्ट लिखवाने, चाहते है मिले न्याय

Chandrakant Pargir


बैकुंठपुर (कोरिया) 5 नवंबर। सोमवार को तलवापारा मुख्य मार्ग पर अशोक के पेड़ की पत्तियां तोड़ने गए शांतनु गिरी (14)  पिता नागेश्वर गिरी की अम्बिकापुर से रायपुर ले जाते समय रास्ते मे मौत हो गई, अलसुबह उसका शव बैकुंठपुर के खुटहन पारा पहुंचा तो पूरा मोहल्ला उमड़ पड़ा, सभी एक साथ सिटी कोतवाली पहुंचे और एफआईआर दर्ज कराई।


कल हुई घटना के बाद गंभीर रूप से घायल शांतनु को जिला अस्पताल लाया गया, जहां से उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर रेफर कर दिया गया, अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज और मिशन हॉस्पिटल में जांच के बाद उसे रायपुर रेफर कर दिया गया, शाम को उसे रायपुर भेजा गया परंतु रास्ते ही उसने दम तोड़ दिया।


इकलौता चिराग बुझ गया


मृतक शांतनु गिरी के परिजन और मोहल्ले के लोग जब रिपोर्ट लिखवाने थाने आए तब उसकी उम्र का पता चला कि वो नाबालिक है उसकी उम्र महज 14 साल थी। और वो अपने माता पिता इकलौता चिराग था। दुर्घटना की खबर के बाद से मोहल्ले में मातम पसरा हुआ था शव आते ही माहौल गमगीन हो गया, लोगो में दुकान मालिक के खिलाफ काफी गुस्सा देखा गया, मोहल्ले से सभी एकजुट होकर थाने पहुंचे और रिपोर्ट लिखवाई।


बाल अधिकार के रक्षक गहरी नींद में



कोरिया जिले में बाल अधिकारों की रक्षा करने वाले गहरी नींद में है, नाबालिक दुकानों , होटलों और मजदूरी करते देखे जा रहे है, घटना होने पर जानकारी सामने आती है कि नाबालिक काम कर रहा था, ऐसे नाबालिक बच्चो को काम न करना पड़े राज्य और केंद्र सरकार आर्थिक मदद मुहैया कराती है इसके लिए बाकायदा योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, परंतु बाल अधिकार के रक्षक दिनभर अपने ऑफिस में बैठकर कागजो में सबकुछ ठीक बता देते है।  जिला प्रशासन को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है आखिर बाल संरक्षण इकाई की बाल अधिकारों के संरक्षण में क्या भूमिका है। सूत्रों की माने तो दीवाली के पूर्व जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में काफी संख्या में नाबालिकों से पटाखे बनाने का मामला सुर्खियों में आया था तब भी बाल अधिकारों के रक्षकों ने कोई कार्यवाही नही की थी।



क्या था मामला


मृतक शांतनु गिरी कृषि विभाग के सामने फूल गुलदस्ते की दुकान में काम करता था, सोमवार को दुकान के अन्य साथियों के साथ अशोक की पत्तियां तोड़ने तलवापारा स्थित रामकैलाश सिंह के घर सामने लगे अशोक के ऊंचे ऊंचे पेड़ पर चढ़ गया, पेड़ से होकर 11 केवी के बिजली की लाइन गुजरी है, वो उसके तार की चपेट में आकर नीचे आ गिरा था। गंभीर रूप से घायल होने पर उसे जिला अस्पताल भेजा गया था।

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