कोरिया। नवरात्रि में शहर से लेकर गांवों तक पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा अर्चना किया जा रहा है। रात्रि में पूजन समितियों द्वारा माता का जगराता डांडिया - गरबा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें भक्ति गीतों की बयार दिख रही है। श्रद्धालु भी इसे सुनकर भाव विभोर हो रहे हैं और इन कार्यक्रमों के लिए समय का निर्धारण भी किया गया हैं।
इसके विपरीत प्रदेश में दूसरे कानून के तहत देर रात या यूं कहें पूरी रात फूहड़ गानों पर जमकर पैसे लुटाए जा रहे हैं अश्लीलता परोसी जा रही है। ये कैसी भक्ति है जो समझ से परे है।
*ताजा मामला कोरिया जिले के सोनहत बस स्टैड का हैं जहाँ छत्तीसगढ़ी संस्कृति कार्यक्रम के आड़ में रात भर महिला डांसरों द्वारा हिंदी छत्तीसगढ़ी और भोजपुरी गानों पर पैसे उड़ाए गए। हैरत की बात तो यह हैं कि यह सब सोनहत पुलिस की मौजूदगी में हो रहा था, पुलिस ताली बजा कर आनन्द ले रही थी।
राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन भाजपा के शासन का ये नजारा शर्मसार करने वाला हैं।
खैर, इस तरह के आयोजन छत्तीसगढ़ के तमाम इलाकों में हो रहे हैं मैनपाट के नर्मदापुर में भी यही हुआ और अब कोरिया से तस्वीर आपके सामने हैं। वही ऐसे नजारे दशहरे के बाद भी देखे जाएंगे क्योंकि ऐसा प्रति वर्ष देखने मे आता है।
वीडियो के अनुसार 5 - 6 की संख्या में महिला डांसर मंच पर मौजूद हैं और गाने गाए जा रहे हैं *दरोगा जी चोरी हो गई, दरोगा जी आई लव यू आई लव यू, यारा ओ यारा, ए पान वाला बाबू, कोयली बिना* जैसे अनेकों गीतों पर रातभर पैसों की बरसात होती रही।
कार्यक्रम को देखने स्थानीय से लेकर आस-पास के कई गांवों के बच्चे युवा से लेकर पुरुष महिला और बुजुर्ग पहुंचे थे।
कई उठ रहे है सवाल
ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि नवरात्र में माँ की भक्ति के बीच ऐसे आयोजन कहा तक जायज हैं?
ऐसे कार्यक्रमों में पैसों का भारतीय रूपयों का अपमान कहा तक जायज हैं?
ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति को क्यों दिया जाता हैं?
ऐसे कार्यक्रमों में पुलिस की मौजूदगी का क्या मतलब है?
बहरहाल, देखना है कि इस तरह के फूहड़ आयोजनों पर प्रशासन किस तरह का रुख अपनाता है।