कोरिया 16 जून। कोरिया जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल मे ऊंची पहुंच वालो को ड्यूटी करने वालो की मौज है, उन्हें नाईट ड्यूटी में काफी रियासत मिली हुई है जबकि कई कर्मचारियों को दूसरे के बदले ज्यादा ड्यूटी करना पड़ रहा है। वही रात में ज्यादातर वार्डो में प्रशिक्षुओं के भरोसे मरीज रहते है।
कोरिया जिला अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए प्रशासनिक पहल सिर्फ कागजों पर है, हकीकत यह है कि रात में यदि किसी मरीज को कुछ हो जाए तो उसे संभालने वाला मिलना मुश्किल हो जाता है, एक तो जिला अस्पताल में सिफारिश और ऊंची पहुंच वाले कुछ ज्यादा है, कोई नेता का करीबी है तो कोई अधिकारी का, कोई प्रशासन का भी करीबी है, और तो और अब तो स्वास्थ्य मंत्री स्थानीय है तो उनके भी कई परिचित है, आरएमओ के एक मित्र तो विधायक के खास बताए जा रहे है, उनको कोई कुछ मत बोलो नही तो विधायक का फोन आ जायेगा ऐसा भ्रम फैला कर माहौल बनाकर रखा गया है, ऐसे इन ऊंची पहुँच वाले कर्मचारियों को डयूटी के काफी रियायत मिली हुई है। बीते दो दिन से मेल वार्ड में ड्यूटी किसी की लगी है और उनके बदले ड्यूटी कोई और कर रहा है।
प्रशिक्षुओं के भरोसे मरीज
जिला अस्पताल में नाईट ड्यूटी में भी प्रशिक्षु अपनी सेवा दे रहे है जबकि अभी वो पूरी तरह से ट्रेंड नही है, वार्डो में पर्याप्त स्टाफ होने के बाद लगभग काम उन्ही के भरोसे रहता है। यदि ऐसे में किसी मरीज को कुछ हो जाता है तो कौन जिम्मेदार होगा? अब तक प्रशासन की इस ओर नज़र नही पड़ी है पूरा ध्यान चिकित्सको के समय पर आने पर केंद्रित है। इन ऊंची पहुंच वाले कर्मचारियों की पौ बारह है।
सबसे ज्यादा परेशानी रात में
रविवार की रात को लगातार काफी संख्या में दुर्घटना के मामले आते रहे और उन्हें देखने वाले कर्मचारियों का काफी आभाव था, ऐसे में एक सर्पदंश पीड़ित भी पहुंच गया, किसी तरह फटाफट snake वेनम लगाकर उसकी जान बचाई गई, ऐसे में मात्र एक्का दुक्का कर्मचारियों के भरोसे कई दुर्घटना के पीड़ितों का भी किसी तरह उपचार किया गया, जबकि रात के समय पर्याप्त स्टाफ की जरूरत रहती है।