गुरु घासीदास टाइगर रिज़र्व में धड़ल्ले से चल रही अवैध लकड़ी कटाई, तस्करों के हौंसले बुलंद, मशीनों से साल के पेड़ों की कटाई, मौके पर ही बन रहे पाटे, टाइगर रिज़र्व की भूमिका पर उठे सवाल

Chandrakant Pargir

 


कोरिया। गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिज़र्व से एक बार फिर जंगल की लूट की सनसनीखेज खबर सामने आई है। टाइगर रिज़र्व के मास्टर टावर के आसपास और ‘बसहवा’ नामक स्थान पर बड़े पैमाने पर अवैध लकड़ी कटाई का काम चल रहा है। सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तस्कर साल के साथ इमारती लकड़ी बीजा और सागौन के हरे-भरे पेड़ों को मोटी आरी और आधुनिक मशीनों की मदद से काट रहे हैं और मौके पर ही उन्हें पाटों में तब्दील कर बाजार में खपाया जा रहा है।



स्थानीय ग्रामीणों ने इस अवैध गतिविधि का वीडियो और फोटो सबूतों के साथ इनसाइड स्टोरी को मुहैया कराया है। ग्रामीणों का कहना है कि टाइगर रिज़र्व जैसे संरक्षित वन क्षेत्र में गिरी हुई लकड़ी को उठाना भी कानूनन अपराध है, लेकिन यहां तो बाकायदा पेड़ों की कटाई की जा रही है। इससे वन्य जीवों के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है।



ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि जब आम जनता इस गतिविधि को देख और रिकॉर्ड कर रही है, तब टाइगर रिज़र्व और संबंधित निगरानी एजेंसियों की क्या भूमिका है? क्या यह सब उनकी जानकारी के बिना हो रहा है या फिर मौन सहमति के साथ?




इस अवैध कटाई से न केवल जैवविविधता को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि यह भविष्य में पूरे इको-सिस्टम के लिए खतरे का संकेत भी है। यह मामला वन विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।


अब ज़रूरत है त्वरित और सख्त कार्रवाई की, ताकि जंगल के नाम पर सिर्फ कागज़ों में नहीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत में भी संरक्षण हो सके।



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