कोरिया 1 मई 2025। छत्तीसगढ़ के कोयला क्षेत्रों में एक बड़ा अवैध कोयला तस्करी का खेल जारी है। सूत्र के अनुसार विश्व प्रसिद्ध चरचा कॉलरी के ए ग्रेड कोयले की आड़ में पटना क्षेत्र का सस्ता और निम्न गुणवत्ता वाला कोयला तस्करी कर हरियाणा समेत अन्य राज्यों में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है।
एसईसीएल के विशेष सूत्रों के अनुसार, रोज़ाना पटना क्षेत्र से करीब 100 पिकप वाहन कोयला लेकर निकलते हैं। इन वाहनों में ऊपर की परत में चरचा का महंगा ए ग्रेड तस्करी किया हुआ कोयला दिखाया जाता है, जबकि नीचे भरा होता है सस्ता पटना क्षेत्र का कोयला। ए ग्रेड कोयले की कीमत लगभग ₹45 प्रति किलो है, वहीं पटना क्षेत्र का कोयला मात्र ₹22 प्रति किलो बिकता है। इस तरीके से एक ट्रक कोयले में लाखों की कमाई एक तस्कर दूसरे बड़े दो नंबर के कोयले के खरीददार से खेल कर रहे है।
सूत्रों की मानें तो चरचा क्षेत्र से कोयला तस्करी कर रोजाना 40 से अधिक पिकप, टीपर और 407 वाहन प्रतिदिन चरचा से पटना की ओर जाते हैं। वहीं, 10 से ज्यादा वाहन नगर बेरियर पार कर कटगोड़ी व दामुज होते हुए कोयला बाहर पहुंचाते हैं। शेष कोयला स्थानीय ईंट भट्टों में खपाया जाता है। हालांकि दो तीन से लगातार मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद अवैध कोयला के कारोबार की गति थोड़ी धीमी हुई है। कारोबार बंद नही हुआ है।
एसईसीएल की भूमिका संदिग्ध इस अवैध कारोबार में
एसईसीएल (दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड) की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में कुछ मामलों में एसईसीएल चरचा के द्वारा पुलिस में शिकायत तो की है, लेकिन वर्षों से जारी इस अवैध तस्करी पर चुप्पी उसकी मिलीभगत की ओर इशारा करती है। जानकारों का मानना है कि यदि एसईसीएल के सुरक्षा गार्डों के मोबाइल कॉल डिटेल की गहराई से जांच हो, तो कई बड़े नाम बेनकाब हो सकते हैं।
प्रशासन और खुफिया एजेंसियों से कार्रवाई की मांग
स्थानीय जागरूक नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पूरे मामले की सीबीआई या ईडी जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है, ताकि कोयले के इस अवैध नेटवर्क को तोड़ा जा सके।