क्या अवैध रेत और अवैध कोयले के माफियाओं पर कार्रवाई बनी डीएफओ के ट्रांसफर की वजह? कोरिया की सक्रिय डीएफओ प्रभाकर खलखो का हुआ स्थानांतरण, जनचर्चा में उठे सवाल

Chandrakant Pargir

 


कोरिया। कोरिया वनमंडल की डीएफओ प्रभाकर खलखो का स्थानांतरण आदेश जारी हो गया है। सरकार ने उन्हें सरगुजा में प्रभारी वन संरक्षक, कार्य आयोजना के पद पर भेज दिया है। लेकिन उनके इस अचानक हुए तबादले को लेकर जनचर्चा तेज हो गई है। सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या उनके द्वारा अवैध रेत और कोयला माफियाओं पर लगातार की जा रही कार्रवाइयों की वजह से उनका तबादला किया गया?


बीते 8-9 महीनों में डीएफओ प्रभाकर खलखो ने अवैध रेत व कोयला तस्करों के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए थे। उन्होंने स्वयं जंगलों में पहुंचकर ट्रैक्टर और डंपर जब्त किए, रातों-रात दबिश देकर तस्करी में लिप्त वाहनों और लोगों पर कार्यवाही की। हाल ही में उन्होंने एसईसीएल के सहयोग से जंगलों में संचालित एक अवैध कोयला खदान को ब्लास्ट कर गिरवा दिया, जिससे माफियाओं को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।



डीएफओ खलखो की इस सक्रियता ने कोयला और रेत माफियाओं की कमर तोड़ दी थी। यही वजह है कि अब उनके स्थानांतरण को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जनमानस में यह चर्चा तेज है कि क्या उन्हें माफियाओं के दबाव के चलते हटाया गया?


हालांकि इस पर अभी तक न तो वन विभाग और न ही शासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है, लेकिन सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों ने इस स्थानांतरण को लेकर सवाल उठाए है।


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