बैकुंठपुर (कोरिया)। कोरिया जिले के कोरिया वन मंडल अंतर्गत बैकुंठपुर परिक्षेत्र के मनसुख सर्किल के धरमपुर बिट क्रमांक 517 में वानभूमि पर अवैध कब्जे की एक बड़ी साजिश को वन विभाग ने समय रहते विफल कर दिया। नारवा विकास योजना के तहत संरक्षित वन क्षेत्र में निर्मित नरवा को जेसीबी मशीन के माध्यम से समतल कर खेत में बदलने का प्रयास किया जा रहा था, जिससे वनों को दीर्घकालिक नुकसान पहुंच सकता था।
वन विभाग को जैसे ही इस अवैध गतिविधि की जानकारी मिली, विभागीय अमला तत्काल हरकत में आया और मौके पर पहुंचकर जेसीबी मशीन को जब्त कर लिया। जब्त की गई मशीन को विभागीय डिपो में सुरक्षित रखा गया है। फिलहाल विभाग द्वारा प्रकरण की गहन जांच की जा रही है और संबंधित धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
सत्ताधारी नेता का नाम आया सामने, कार्रवाई पर टिकी सबकी निगाहें
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जब्त की गई जेसीबी मशीन खड़गवां क्षेत्र के एक प्रभावशाली सत्ताधारी नेता की बताई जा रही है। यह खुलासा मामले को राजनीतिक रंग दे सकता है और वन विभाग की कार्रवाई की निष्पक्षता को लेकर विभिन्न स्तरों पर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभाग जेसीबी को राजसात करता है या महज जुर्माना लगाकर मामला शांत कर दिया जाता है।
नरवा विकास को पलीता लगाने की कोशिश
नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत बनाए गए संरचनाओं का यदि इस तरह दुरुपयोग होता है, तो इससे सरकार की ग्रामीण और वन संरक्षण योजनाओं की साख को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। वन विभाग की तत्परता से जहां वन भूमि को बचा लिया गया, वहीं यह भी स्पष्ट हुआ कि संरक्षण के नाम पर बनाए गए ढांचे कितने असुरक्षित हैं।
जनता की प्रतिक्रिया – सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि ऐसे मामलों में कठोर निर्णय नहीं लिए गए, तो वनों का संरक्षण एक खोखला सपना बनकर रह जाएगा।
वन विभाग की यह कार्रवाई एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है कि सरकारी योजनाओं और संसाधनों का दुरुपयोग अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे आरोपी कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो।